नई दिल्ली। सोशल मीडिया में राष्ट्रपति को 150 पूर्व सैनिकों के नाम से लिखी चिट्ठी वायरल हो रही है और अब इस चिट्ठी पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। दरअसल, इस चिट्ठी को लेकर राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें ऐसा कोई भी खत नहीं मिला है। वहीं इस चिट्ठी में जिन पूर्व सैनिकों के हस्ताक्षर हैं उनमें से एक पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी इन खबरों को झूठ बताया है।
एसएफ रॉड्रिग्ज ने मीडिया से बात करते हुए इस चिट्ठी को लेकर कहा कि मुझे नहीं पता कि यह चिट्ठी क्या है। अपनी पूरी जिंदगी मैं राजनीतित से दूर रहा। 42 साल की सेवा के बाद अब अपने विचार बदलना संभव नहीं है। मैंने हमेशा देश को पहले रका। मुझे नहीं पता ये कौन लोग हैं जिन्होंने चिट्ठी लिखी लेकिन यह फर्जीवाड़े का साफ उदाहरण है।
रॉड्रिग्ज ने आगे कहा कि अपने सर्विस में हमने वही किया जो सरकार द्वारा आदेश दिए जाते ते, हम राज्य से इंस्ट्रूमेंट थे। हम गैर-राजनीतिक हैं, कोई भी कुछ भी कह देता है और फिर इसे फर्जी न्यूज के रूप में बेचता है।
वहीं रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने मीडिया से बात करते हुए बताा कि यह एडमिरल रामदास द्वारा नहीं लिखी गई है जैसा की दावा किया जा रहा है। यह किसी मेजर चौधरी ने किया है। उसने ही यह लिखा है और यह व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से फैलाया जा रहा है। इस पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई थी। पत्र में जो भी लिखा है उससे मैं सहमत नहीं हूं।
इनके अलावा पूर्व सेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू जिनका नाम इस कथित चिट्ठी में 20वें नंबर पर है। उन्होंने कहा, 'नहीं इस तरह के किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई और न ही मैंने कोई पत्र लिखा है।'
कांग्रेस आई निशाने पर
राष्ट्रपति भवन और पूर्व सैनिकों द्वारा इस पत्र को लेकर दिए गए स्पष्टिकरण के बाद अब कांग्रेस निशाने पर आ गई है। दरअसल, कांग्रेस ने इस पत्र को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक की थी और कांग्रेस नेता प्रियंका चौधरी ने यहां तक कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण कर रही है। पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। उन्होंने जो कहा है उस पर गौर करने की जरूरत है।
हालांकि, राष्ट्रपति भवन और पूर्व सैनिकों के बयान के बाद भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि दो वरिष्ठ अधिकारियों ने सहमति देने से इनकार किया है। यह चिंता का विषय है कि इस तरह के फर्जी लेटर्स बनाए जा रहे हैं। यह निंदनीय है।
यह है मामला
आपको बता दें कि गुरुवार से एक लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जो कथित तौर पर पूर्व सैनिकों द्वारा लिखा बताया जा रहा है। इसमें कथित तौर पर सेना के आठ