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'निर्जीव' समाजसेवा को 'सजीव' करते राजीव

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झाँसी : कोरोना वायरस से देश भर में हुए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर निचले तबके यानी गरीब वर्ग पर हुआ है। यही वजह है कि बड़े शहरों से मजदूर लगातार पलायन कर रहे हैं। महानगर में कोई गरीब भूखा न रहे, इसके लिए प्रशासन तो तमाम प्रयास कर ही रहा है, साथ में  कई समाजसेवियों की भी मदद ली जा रही है। पर, कुछ ही समाजसेवी हैं,  जो इस कार्य को गंभीरता से ले रहे हैं। व्यापारी नेता राजीव राय का नाम ऐसे  लोगों में शामिल है, जो ऐसे कार्य समर्पित होकर करने के लिए जाने जाते हैं। राजीव के साथ हमारे संवाददाता सुबह से शाम तक रहे और उनके प्रयास को करीब से देखा। इसके बाद कहना अतिश्योक्ति न रहा कि राजीव वाकई निर्जीव हो चुकी समाजसेवा के सजीव उदाहरण हैं। वे इस कार्य को टास्क की तरह ले रहे हैं।  फोकस उन गरीब बस्तियों पर ज्यादा है, जो वाकई इस संकटकाल में ज़रूरतमंद हैं। हंसारी, बिजौली की गरीब बस्तियों में आज चूल्हे जल भी रहे हैं और ये लोग आगे के लिए निश्चिन्त भी हैं, क्योंकि राजीव की टीम न सिर्फ इनके महीने भर के राशन का इंतज़ाम कर चुकी है, बल्कि इनको आगे भी मदद करते रहने के प्रति आश्वस्त किया है। बस्ती के लोग कहते हैं कि लॉकडाउन सुनकर डर गए थे कि अब अपना और बच्चों का पेट कैसे भरेंगे, लेकिन अब चिंता नहीं है। राजीव की टीम को ये सच्चा मददगार बता रहे हैं। इसी तरह महानगर के हर कोने में राजीव की टीम द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है। वहीं, तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो समाजसेवी कहलाते हैं, पर उनके चेहरे अभी तक इस मुसीबत के वक़्त देखने को भी नहीं मिले हैं।
- संवाददाता नितेश चौरासिया की रिपोर्ट