वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी मीडिया संगठनों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड में पिछले हफ्ते हुए दोहरे आतंकी हमलों के लिए उन पर आरोप लगाना "हास्यास्पद" है। ट्रंप ने ट्वीट किया- फेक न्यूज मीडिया न्यूजीलैंड में हुए भयानक हमले के लिए मुझे दोषी ठहराने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा है। उन्हें यह साबित करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। इतना हास्यास्पद है यह!"
अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी कुछ अमेरिकी मीडिया कवरेज के बाद आई थी। खबरों में आतंकवादी के घोषणापत्र के हवाले से कहा गया था कि ट्रंप "नए सिरे से श्वेत पहचान का प्रतीक" हैं। व्हाइट हाउस ने इन दावों को खारिज कर दिया है कि ट्रंप श्वेत राष्ट्रवादी विचारों का समर्थन करते हैं। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मिक मुलवेने ने कहा कि राष्ट्रपति एक श्वेत वर्चस्ववादी नहीं हैं। मुझे यकीन नहीं है कि हमें कितनी बार यह कहना होगा।
इससे पहले, एक सोशल मीडिया अकाउंट में 28 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई मूल के आतंकवादी ने एक लंबा घोषणापत्र पोस्ट किया था। इसमें अप्रवासी और मुस्लिम विरोधी विचारों को व्यक्त किया गया था। माना जाता है कि वह सोशल मीडिया एकाउंट ब्रेंटन टैरेंट से जुड़ा हुआ था।
73 पेज के घोषणापत्र में उसने कहा था कि इस जघन्य वारदात को बदले की भावना से अंजाम दिया गया है। उसने खुद को एक 'श्वेत राष्ट्रवादी' बताया था, जो आव्रजकों से बेहद घृणा करता है। यह शख्स यूरोप में इस्लामिक आतंकियों के हमलों से नाराज था। इसके कारण वह बदला लेना चाहता था और भय पैदा करना चाहता था।
वह इस घटना को अंजाम देकर अपनी ओर लोगों का ध्यान भी खींचना चाहता था। हमलावर को इस वारदात के बाद बच निकलने की उम्मीद थी। ताकि वह सोशल मीडिया पर अपनी बात को बेहतर तरीके से रख सके। इसके साथ ही उसने लिखा था- इसमें ब्रेंटन ने लिखा कि वह नए सिरे से श्वेत पहचान और सामान्य उद्देश्य के प्रतीक के रूप में ट्रंप का समर्थन करता है, लेकिन एक "नीति निर्माता और नेता" के रूप में नहीं।
16 मार्च को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने न्यूजीलैंड के हमलावर आतंकवादी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को "नए सिरे से श्वेत पहचान का प्रतीक" कहने के बाद दुनिया भर में श्वेत राष्ट्रवाद में वृद्धि नहीं देखी। बताते चलें कि 15 मार्च को क्राइस्टचर्च में अल नूर और लिनवुड मस्जिदों में ब्रेंटन ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी।
न्यूजीलैंड की पुलिस ने कहा कि इस हमले के बाद देश में हाई अलर्ट है। ब्रेंटन ने हमले के 17 मिनट का वीडियो फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम किया था। आतंकी ने 36 मिनट की अवधि के दौरान दोनों मस्जिदों में एक साथ आतंकी हमले को अंजाम दिया था। जुमे की नमाज होने की वजह से वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे।
ब्रेंटन ने स्वचालित हथियारों का उपयोग करते हुए, मस्जिदों पर "सुनियोजित" हमला किया था। हमले के तुरंत बाद सुरक्षा के लिहाज से देश भर की मस्जिदों को बंद करने की सलाह दी गई थी। बाद में ब्रेंटन को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे 5 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया।